नई दिल्ली: एक लॉ इंटर्न के यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंप दी है। आरोपों के घेरे में आए पूर्व जस्टिस एके गांगुली का बयान भी उन्होंने दर्ज किया है।
सुप्रीम कोर्ट के जज रहे एके गांगुली ने यौन उत्पीड़न के आरोप से इनकार किया है। उनका कहना है कि वह पूरी तरह बेगुनाह हैं और हालात के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी में उन्होंने कई इंटर्न के साथ काम किया… वे आज अच्छी जगहों पर हैं…मैं उनसे अपने बच्चों की तरह बर्ताव करता हूं। उनका कहना है कि उनके मामले की तरुण तेजपाल से तुलना न की जाए।
इस मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की तीन-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी। इससे पहले, समिति के तीनों सदस्यों ने छह बार बैठकें कीं। घटना के संदर्भ में पहली बार न्यायाधीश के नाम का खुलासा किया गया है। सूत्र ने बताया कि पैनल की रिपोर्ट मुख्य न्यायाध्याधीश न्यायमूर्ति पी. सताशिवम को सौंपी गई, जिसमें पीड़िता का बयान भी शामिल है। पीड़ित युवती एक कनिष्ठ वकील है और पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली के संरक्षण में सुप्रीम कोर्ट में काम कर चुकी है। गांगुली हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं